नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥ जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥ त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ प्रगट उदधि https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa
Shiv chalisa in hindi Fundamentals Explained
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